
दुर्ग जिले में निगम चुनाव से पहले भाजपा में जमकर गुटबाजी, दो खेमों में बंटे कार्यकर्ता, नहीं जाते एक दूसरे के कार्यक्रम में:-
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने भिलाई शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष और महासचिव मनोनीत तो कर दिए, लेकिन गुटबाजी अभी भी थम नहीं रही है।
आशीष तिवारी रायपुर
भिलाई. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने भिलाई शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष और महासचिव मनोनीत तो कर दिए, लेकिन गुटबाजी अभी भी थम नहीं रही है। बल्कि संगठन में मतभेद ( और अब तो मनभेद भी ) की दरारें और चौड़ी होती जा रही है। नवनियुक्त अध्यक्ष विरेंद्र साहू और महासचिव शंकरलाल देवांगन में बिलकुल भी तालमेल नहीं बन रहा है। ऐसे में संगठन की आगे की संरचना और विस्तार को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं। यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच गुटबाजी इतनी बढ़ गई थी जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर प्रदेश नेतृत्व भी निर्णय नहीं ले पा रहा था।
प्रदेश के सभी संगठन जिलों में अध्यक्ष नियुक्त हो गए थे और केवल भिलाई (दुर्ग भी) रह गया था। आखिर में शीर्ष नेतृत्व ने सबको साधने का बीच का मार्ग अपनाया और एक खेमे से अध्यक्ष और दूसरे खेमे से महासिचव मनोनीत कर दिए। इनमें साहू राज्य सभा सदस्य डॉ. सरोज पांडेय के खेमे से माने जाते हैं और महासचिव देवांगन वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन के करीबी जिन पर सांसद विजय बघेल और पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय सहमत थे। इसके बाद भी संगठन में तालमेल में नहीं बैठ पा रहा है। देवांगन न तो नियुक्ति के बाद पदभार ग्रहण समरोह में शामिल हुए और न ही पार्टी की ओर से पिछले दिनों किसानों के मुद्दे को लेकर हुए धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए।
अब तक पार्टी गतिविधियों से दूर देवांगन श्रीराम जन्मोत्सव समिति के मुक्ति पखवाड़ा आयोजन में जरूर सक्रिय दिखे। पूर्व मंत्री पांडेय के संरक्षण में गठित समिति का यह कार्यक्रम उनके पुत्र मनीष पांडेय की अगुवाई में हो रहा है। महापौर देवेंद्र यादव के नेतृत्व वाले निगम सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर समिति यह पखवाड़ा मना रही है।
कैसे हो पाएगा अब कार्यकारिणी का गठन
प्रदेश संगठन ने दोनों गुटों में पदों का बंटवारा कर अपना झमेला तो निपटा लिया मगर अब जिला संगठन के विस्तार में दिक्कतें होगी। अध्यक्ष और महासचिव में ही जब गुटीय मनभेद है तो कार्यकारिणी कैसे आकार ले पाएगा? आगे एक और महासचिव, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव के साथ अन्य पदों पर नाम तय किए जाने है। विभिन्न मोर्चा व प्रकोष्ठों को भी विस्तार दिया जाना है। ऐसे में एक बार फिर पार्टी केे अंदर घमासान मचने की संभावना राजनीतिक जानकार जता रहे हैं।
निगम चुनाव में कांग्रेस को कैसे चुनौदी दे पाएगी भाजपा
भाजपा में जिस कदर गुटीय लड़ाई का गदर मचा हुआ है उसका नुकसान पार्टी को आगामी नगर निगम चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है। मई-जून में भिलाई और रिसाली दोनों नगर निगम में एक साथ चुनाव संभावित है। स्थानीय सरकार के चुनाव में पार्टी को प्रदेश की कांग्रेस सरकार से टकराना है। पार्टी में ऐसा ही बिखराव रहा तो पार्षद प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनाव लडऩे तक आपस में ही घमसान छिड़ा रहेगा और इसका फायदा विरोधी दल उठा सकते हैं।
विरेंद्र साहू, अध्यक्ष भिलाई शहर जिला भाजपा ने कहा कि महासचिव को सभी कार्यक्रमों की पूर्व से सम्मानजनक सूचना भेजी जा रही है। क्यों शामिल नहीं हो पा रहे, इसके बारे में वे ही बता पाएंगे। पार्टी में मनभेद जैसी कोई बात नहीं है। सभी पार्टी के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। शंकरलाल देवांगन, महासचिव भिलाई शहर जिला भाजपा ने कहा मतभेद जैसी कोई बात नहीं है। पार्टी ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, पूरी निष्ठा व समर्पण से निर्वहन कर रहा हंू। मैं अभी लगातार सांसद विजय बघेल के साथ पार्टी नेतृत्व द्वारा दिए जा रहे कार्यक्रमों में व्यस्त रहा। पार्टी के प्रति पहले भी सक्रिय व समर्पित रहा अब भी हूँ।